काजल पांडे

ऋणमुक्ति

पिछले एक दशक में ऋषिकेश का नक्शा काफी बदल चुका था । गंगा के किनारे दर्जनों छोटे बड़े होटल, धर्मशाला और कुछ नीजि बंगलो ने वहॉं की आबादी को दोगुना बढ़ा दिया था । वह अजनबी काफी देर तक आस पास के कई धर्मशालाओं में घूमकर रत्नदीप के बारे में पूछता रहा था । उसे तो यह भी नहीं पता था कि वह अब भी रत्नदीप है या संयास लेकर कोई दूसरा नामकरण कर लिया है । तीन घंटे के कड़ी मेहनत के बाद जिस गेरुआधा....

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