अपूर्व जोशी

यह संसार एक प्रतिध्वनि समान है

मनुष्य निर्मित ईश्वर पर मेरी खास आस्था कभी नहीं रही। हां समय-काल और परिस्थिति अनुसार मैं धर्म स्थलों पर माथा टेकता रहा हूं। इस मामले में मैं पक्का धर्मनिरपेक्ष हूं। मस्जिद, गुरुद्वारे, चर्च आदि में उसी भाव से जाता हूं जिस भाव से मंदिरों के दर्शन करता आया हूं। ऐसा अमूमन तब करता हूं जब किसी प्रकार का संकट मुझे घेर लेता है। संकटों संग मेरा गहरा नाता रहा है। बचपन बेहद सुंदर थ....

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