अपूर्व जोशी

विषय विष तो आर्जवता अमृत है

मेरा अब तक का जिया जीवन पूरी तरह विरोधाभासी मूल्यों के बीच झूलता रहा है। भारतीय जीवन शैली में दो प्रकार की संस्कृतियां मुख्य रूप से देखने को मिलती हैं। एक है ‘विष्णु संस्कृति’, दूसरी ‘शिव संस्कृति’। ‘विष्णु संस्कृति’ से मेरा तात्पर्य खाते-पीते समाज की, शासक वर्ग की संस्कृति है। इस संस्कृति का अंदाज उनकी जीवन शैली से लगाया जा सकता है। इसके उपासक धन को सभी प्रका....

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