कृष्ण बिहारी

मेरे चार प्रिंसिपल : पहले - विजय कौल ……. 

साहित्य किसी की चरित्र-हत्या का प्लेटफॉर्म नहीं है । अपने पचास वर्षों के लेखन में मैंने यह काम कभी नहीं किया । चरित्र-चित्रण अवश्य किया है । और , उसमें भी इस बात का खयाल रखा कि व्यक्ति का व्यक्तित्व अपनी खूबियों-खामियों के साथ समग्रता में सबके सामने आए क्योंकि अच्छाइयों का पुतला तो मैं भी नहीं हूँ । मुझमें भी वे सभी कमज़ोरियाँ हैं जो किसी मनुष्य में हो सकती हैं ।
1979 में मै....

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