डॉ. सुषमा गुप्ता

छोटे अघोरी का श्राप

‘‘मुझे नहीं कहनी चाहिए थी उससे वो बातें कि उनके कोई मतलब नहीं थे। मुझे करनी चाहिए थी उससे सही-सही बातें, उसके मन की बातें।
पर दरअसल, मुझे नहीं करनी आती सही-सही बातें इसलिए भी कहीं होंगी मैंने वो सब बातें। वो सब की सब दरअसल थी बेमतलब की बातें।’’
ऐसा कह कर मैं कुछ देर चुप हो गई।
बाहर बारिश हो रही थी।
मैं रोज की तरह खिड़की के पास खड़ी थी, जहां से बाहर की दुनिया ख....

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