विश्वनाथ त्रिपाठी

साहित्य के लिए उनका जाना बहुत बड़ी क्षति

प्रेम भारद्वाज जी से मेरा परिचय लगभग एक दशक पुराना था। उन्होंने मुझसे बहुत लेख  लिखवाये हैं। प्रेम भारद्वाज जी प्रायः बड़े सम्मान के साथ हमसे लेख लिखवाते थे। उनकी पत्नी लता जी जब जीवित थीं तो उनके साथ वह कई बार मेरे घर पधारे हैं। वे मुझसे बड़ी आत्मीयता से मिलते थे। वे मूलतः पत्रकार तो थे पर कहानीकार भी थे। जहां तक मुझे याद आता है उनकी कहानियों के बारे में मैंने लिखा ....

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