अपूर्व जोशी

...फिर भी तुम्हें यकीं नहीं

हम लगभग 130 करोड़ की जनसंख्या वाला मुल्क हैं। विश्व के सबसे अधिक जनसंख्या वाले देशों में हमने लगातार दूसरे पायदान में अपनी पकड़ मजबूत रखी है, पहले पायदान में 145 करोड़ की आबादी वाला चीन है। इतनी विशाल आबादी के बावजूद हमारे यहां साहित्य की और साहित्यकारों की माली हालत कभी भी संतोषजनक नहीं रही। प्रश्न उठता है, उठना चाहिए क्यों? हमारे संविधान के आठवें अध्याय में 22 भाषाओं का जिक्र ....

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