सय्यद ज़िया अल्वी

डॉ- राहत इंदौरी - इंदौर से दुनिया तक

1975 की बात है कस्बा खीरी लखीमपुर में सुल्तान आरिफ मियां साहब की खानकाह में कृष्ण बिहारी नूर का जश्न एक मुशाायरे के रूप में मनाया जा रहा था। उस वक्त के नामचीन शायर स्टेज पर जलवा अफरोज थे, जां निसार अख्तर, हसन कमाल, बशीर बद्र, इत्यादि। रात के दो बज रहे थे मुशायरा अपने शबाब पर था इसी बीच सचांलक महोदय बशीर बद्र ने एक नाम पुकारा ‘राहत कैसरी’ 24-25 साल का एक नौजवान निहायत सांवला सा श....

Subscribe Now

पूछताछ करें