आधुनिक हिंदी साहित्य के इतिहास में काव्य-प्रवृत्ति ‘छायावाद’ की चर्चा तो खूब हुई लेकिन चर्चा से ओझल हो गए ‘छायावाद’ शब्द के प्रथम प्रस्तोता पं- मुकुटधर पांडेय। हिंदी साहित्य की यह एक दिलचस्प परिघटना है। हम जानते हैं आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने हिंदी साहित्य का पहला व्यवस्थित और प्रामाणिक इतिहास लिखा, जो पहले ‘आधुनिक हिंदी साहित्य का विकास’ शीर्षक से नागरी&nbs....