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“मत पढ़ो इतिहास. वैसे भी सब झूठ है, वामपंथी लेखकों की मनगढ़ंत कहानियाँ हैं.”
“संघी लेखकों ने क्या कम कहानियाँ लिखी हैं!पर,मुझे इन्हींझूठों में से सच को ढूँढना है.”
“आखिरी बार कह रहा हूँ इंजीनियरिंग या फिर मेडिकल चुनो. इतिहास का कोई भविष्य नहीं है. सिवाय मजदूरी के.”पिता सर्वेश्वर कीक्षुब्ध आवाज उसके कानों में धमक रही थी.तीस वर्ष से ऊपर का समय बीत चुकने पर भी कुद....