नीतू मुकुल

बस एक लफ्ज़ और...!

दंगो की अपनी एक भाषा होती है, उसका एक शास्त्र होता है, एक इंजीनियरिंग होती है, जिसकी फ्रंट लाइन में औरतों और बच्चों को शामिल कर लड़ाई लड़ी जाती है | तभी एलान होता है कि सब लोग नसरीन बाग़ पहुंचे | खबर तेजी से सोशल मीडिया में फैलती है| सवाल सोशल मीडिया में फैलती इन ख़बरों का नहीं बल्कि समाज,संबध और सामाजिक सरोकार को तोड़ने वाली सोंच का भी है | यह समझ पाना मुश्किल है कि सोशल मीडिया से सम....

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