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पर मातृभूमि शब्द मुझे
आइडेंटिटी क्राइसिस देता है|
भूमि जहाँ मैं पैदा हुआ,
जबलपुर का कमानिया
उस घर को तो मैं
बचा नही पाया,
देश का मैं क्या कहूँ|
और आखिर देश है क्या?
राजनीतिकी सन्निपात का प्रतिसाद ?
जिसके अन्दर और बाहर भी देश हैं
ये बताइयेगा
जिन्हे सड़कों पर हम नचाते हैं
वो बंद....