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बड़ा है देश
मेरे सपनों से
मेरे अपनों से
मेरे अधिकार-अरमान से
आस्था के ऊंचे आसमान से
सत्ता और सिंहासन से
विक्रम के आसन से
शंकराचार्य के संकल्प से
काल खंड, प्रकल्प से
देश बहुत बड़ा है
रंग और राग से
ब्रज के फाग से
इश्क के पराग से
मजार के चराग से
कुम्भ से, प्रयाग से
ईद से, अनुराग से
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