अंजली देशपांडे

हिन्दी कहानी का स्वागत योग्य विस्तार 

तीन कहानी संग्रहों के बाद नीला प्रसाद का चौथा कहानी संकलन। ‘मात और मात’ आया है जो उनके पहले के तीनों संकलनों से सर्वथा अलग भी है और अत्यंत महत्वपूर्ण भी इसलिए कि उनकी यह ताज़ा कहानियाँ कामकाजी स्त्रियॉं को केंद्र में रखकर हिन्दी कहानी के विषयवस्तु का विस्तार करती हैं। अब तक की उनकी कहानियाँ ज्यादाहतर मध्यम वर्गीय स्त्रियॉं सरोकारों से जुड़ी रहीं और परंपरा के बंधनों ....

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