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पूरा पढ़ेप्रेमचंद ने जिस तरह साधारण में असाधारण खोज लेने वाली कथा-दृष्टि पायी थी, ठीक वैसे ही अमरकान्त, भीष्म साहनी और शेखर
पूरा पढ़ेकथाकार स्वयं प्रकाश (1947-2019 ई-) के जीवनकाल में छपी उनकी अंतिम पुस्तक है ‘धूप में नंगे पांव’ आवरण पर उपशीर्षक है-‘अंदाज
पूरा पढ़ेस्वयं प्रकाश (1947-2019) अपनी कथा-पीढ़ी के बहुपठित और सर्वाधिक चर्चित रचनाकार हैं। कविता विधा से अपनी रचना यात्रा शुरू क
पूरा पढ़ेबुलडोज़र के संबंध में आम धारणा है कि वह उबड़खाबड़ को समतल बनाने का काम करता है.वह ऐसे ढाँचे को गिराने का काम भी करता है ज
पूरा पढ़ेस्वातन्त्र्योत्तर भारत में जातीय व्यवस्था के समानांतर वर्गीय व्यवस्था भी अपने पैर पसारने लगी थी . नये भारत का निर
पूरा पढ़ेहिंदी कथा सहित का इतिहास न तो अधिक प्राचीन है और न ही विशाल.यह भारत की स्वतंत्रता से कुछ ही दशक पूर्व आरम्भ होता है औ
पूरा पढ़ेकहानी की रचना-प्रक्रिया पर विचार करना भी उतना ही परेशानी भरा आनन्द देता है जितना कि कहानी लिखना। स्वाभाविक है कि र
पूरा पढ़ेचर्चित लेखक-संपादक स्वयं प्रकाश ने एक साथ कई विधाओं में पूरी शिद्दत और समर्पण के साथ लेखन-कार्य किया है। उपन्यास, क
पूरा पढ़ेस्वयं प्रकाश हिन्दी कथाजगत में एक प्रतिष्ठित नाम हैं। उनकी कहानियों और उपन्यासों में राजस्थान का परिवेश, वहां के
पूरा पढ़ेसाहित्य जगत में स्वयं प्रकाश की ख्याति जनधर्मी कथाकार के रूप में रही है। बड़ी से बड़ी और छोटी से छोटी समस्या को उठाकर
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