बहुत-सी कहानियां ऐसी होती हैं जो आपको भीतर-ही-भीतर कहीं कुरेदती रहती हैं। कागज पर भी नहीं उतरतीं लेकिन एक कचोट मन पर
पूरा पढ़ेवे जा रहे हैं। वह परिसर से बाहर खड़ा, उन्हें दूर जाते देख रहा है। जब वे नजरों से ओझल हो गए तो वह लौट आया है।
पूरा पढ़े‘सरजी, हमें पहचाने कि नहीं?’’ उसने बड़ी देर तक मुझे एकटक निहारने के बाद थोड़ा पास आकर पूछा, मानो मेरी चाय की आखिरी चु
पूरा पढ़ेआदमी के आंखों का सूखता पानी और बहते आंसू की जिम्मेदारी भी बदलते दौर की कहानी हो चली है। रिश्ते खत्म होने की चली बयार
पूरा पढ़ेरात में सोते हुए जागने की बीमारी है मुझे बरसते पानी की ‘टप-टप’ ध्वनि के बावजूद जब अहाते के बाहरी दरवाजे की कुंडी खड़
पूरा पढ़े‘‘मुझे नहीं कहनी चाहिए थी उससे वो बातें कि उनके कोई मतलब नहीं थे। मुझे करनी चाहिए थी उससे सही-सही बातें, उसके मन की ब
पूरा पढ़ेबंदला गांव प्रसिद्ध बंदलाधार के शिखर पर बसा बहुत सुंदर गांव है। बंदलाधार के पूर्व में बहादुरपुरधार और पश्चिम में
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