मैं उस समय सोया ही था, करीब दस बजे का वक्त होगा, जब दरवाजे पर दस्तक हुई, इस समय कौन होगा! मैं हड़बड़ाहट में उठा और दरवाजा
पूरा पढ़ेदरवाजा चाची ने हीं खोला। राकेश को देखकर उनके चेहरे पर प्रसन्नता की हल्की सी किरण थिरकी और तुरंत ही लुप्त हो गई। वे फ
पूरा पढ़ेगाँव से बड़े भैया का फोन आया कि धनकुनि चाची नहीं रहीं। धनकुनि चाची अम्मा की सहेली थीं। मैया-बहनियाँ के धरातल पर अम्म
पूरा पढ़ेसुबह की पौ फटने वाली थी | क्षितिज पर लालिमा छा गयी थी | पेड़ों पर पंक्षियों का चहचहाना शुरू हो गया था | दलान पर अधिकांश प
पूरा पढ़ेसड़क के अँधेरे आईने में अंतिम ट्राम ग़ायब हो रही थी । ऊपर बिजली के तारों का जाल था जिसमें से कभी-कभी तिड़कने की आवाज
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