छींजते चांद की जर्द रोशनी फूस और नारियल के जीर्ण-शीर्ण झोपड़ों में कोई रंग नहीं भर पायी थी अभी। फिर भी चेन्नई के इस
पूरा पढ़ेसुरेश और सुदेश। दोनों दोस्त। दोनों पड़ोसी। दोनों ही हमउम्र। स्कूल में भी दोनों एक ही कक्षा के छात्र। कक्षा पांच के
पूरा पढ़ेपिताजी को शिलाजीत अतिप्रिय थी और माताजी का मन सिलबट्टा पर पिसी अमिया की चटनी में अटका रहता। इस तरह इन दोनों के साझा
पूरा पढ़ेमोहित तिवारी बालाजी स्टील कंपनी (बास्को) के मजदूर यूनियन का अध्यक्ष था और सनातन विश्वकर्मा उपाध्यक्ष। दोनों एक ही
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