समकालीन आलोचना के विकास में विशिष्ट योगदान के लिए प्रतिवर्ष युवा आलोचक को दिया जाने वाला प्रतिष्ठित पुरस्कार दे
मनोज चौधरी
पूरा पढ़े
पूरा देखें
हिन्दी साहित्य की पत्रिकाओं की भीड़ में अलग पहचान बनाने वाली 'पाखी' का प्रकाशन सितंबर, 2008 से नियमित जारी है।