प्रसिद्ध आलोचक। ‘उपन्यास और वर्चस्व की सत्ता’, ‘प्रतिशीलता के पक्ष में’ तथा ‘उपन्यास का देस’ आलोचनात्मक पुस्तक प
वीरेंद्र यादव
पूरा पढ़े
पूरा देखें
हिन्दी साहित्य की पत्रिकाओं की भीड़ में अलग पहचान बनाने वाली 'पाखी' का प्रकाशन सितंबर, 2008 से नियमित जारी है।