“प्रवास में आसपास” डॉ. हंसा दीप का दूसरा कहानी संग्रह है। इसके पहले एक कहानी संग्रह “चश्मे अपने-अपने” तथा दो उपन्यास “कुबेर” व “बंद मुट्ठी” प्रकाशित हो चुके हैं। इन रचनाओं में कथा-लेखिका हंसा दीप प्रवास में रहते हुए भी अपनी जमीन से जुड़ी हुई हैं। यही कारण है कि हंसा दीप की कहानियाँ छोटी होते हुए भी पाठकों को अपनी ओर आकृष्ट करती हैं। पाठकों को कथा-रस का ....
