'' कितनी बार कहा है, तुम उसके साथ नहीं खेल सकते। समझ में नहीं आता?’’ तन्वंगी ने अपने छह वर्षीय बेटे को डांट लगाते हुए कहा। पार्क में खेल-खेल कर उसने अपने सारे कपड़े गंदे कर लिए थे। तन्वंगी घुटनों के बल झुक कर आर्यन के कपड़े झाड़ रही थी और कड़क आवाज में उसे निर्देश देती जा रही थी।
‘‘क्यों नहीं खेल सकता मम्मी?’’ बेटे ने बड़ी ही मासूमियत से पूछा।
‘‘फालतू के प्....
