पार्टी ने करवट बदलकर अपना एक हाथ उसके ऊपर रख दिया। उसकी आंख खुल गई। नीम अंधेरे में स्ट्रीट लाइट का प्रकाश खिड़की के कांच और मोटे पर्दे को भेदकर कमरे में सेंध लगा चुका था। उसे कुछ प्यास-सी महसूस हुई। उसने साइड टेबल पर देखा, पानी की बोतल नहीं थी। यहीं तो रखी थी, कहां चली गई? सोचते हुए उसने इधर-उधर नजर दौड़ाई पर वह कहीं नहीं दिखी। मोबाइल उठा कर देखा। रात के तीन बज रहे थे। समय के साथ....
