भोर की पहली किरण फूटी। पूरब दिशा में क्षितिज पर पतली-सी सुनहली रेखा फैल गई थी। जैसे आकाश के आंचल पर किसी ने हल्दी घिस दी हो। दूर गाछी से चिड़ियों की चहचाहट उठने लगी। कोई पीपल की फुनगी पर फुदक रहा था, कोई नीम की डाल पर कलरव कर रहा था। इसी बीच एक सनसनीखेज खबर गांव भर में बिजली की तरह फैल गई कि खुशीलाल सोनार के घर डकैती हो गई। सब कुछ लुट गया। गहने-जेवर, नगदीµजो कुछ भी था, डकैत समेट....
