यामिनी नयन गुप्ता

प्रेम के दस्तावेज 

प्रेम 
देह के अक्षांश से परे का प्रेम 
कभी किसी को अलग नहीं करता 
सैकड़ों किलोमीटर के फासले के बाद भी 
सदा बना रहता है साथ ,
प्रेम के गणित से 
अलहदा है जीवन का गणित ,
क्षितिज के उस पार 
कभी था छाया प्रेम का वितान ,
गृहस्थी के झरोखों से झांकता 
यथार्थ का आसमान 
एक पूर्व प्रेमिका लौट जाना चाहती थी 
उन्हीं आम्र कुंज की छांव में प्रियतम ....

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