व्यंग्य साहित्य की वह सशक्त विधा है जो जीवन की विसंगतियों, समाज के विरोधाभासों और व्यवस्था की विद्रूपताओं को रेखांकित करती है, साथ ही सत्ता-व्यवस्था पर सीधे प्रहार भी करती है। इन दिनों फेसबुक आदि सोशल मीडिया साइट पर व्यंग्य रचनाएं खूब नजर आ रही हैं। बहुत सारे व्यंग्यकार साहित्याकाश पर दिखने लगे हैं, लेकिन हिंदी साहित्य की विकास-यात्रा में एक समय ऐसा भी रहा है जब व्यं....
