प्रेम में आसमान होना
प्रेम के
अनगिन पल
सब कुछ भूलकर
यायावर मन कहीं नहीं बंधता
नापता आकाश का विस्तार
उड़ता उन्मुक्त/निर्बांध
मुक्ति संभव नहीं
प्रेम है तुमसे।
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मेरा अनुराग
मेरी आस्था
समर्पित तुम पर
वस्तुनिष्ठता देह की
आत्मनिष्ठता प्रेम की
सांसो....
