आज अप्रैल का तीसरा इतवार है। दिन के लगभग 9 बजे हैं। बसंत ऋतु के प्रस्थान के साथ-साथ दिन-ब-दिन प्रखर होता सूरज स्पष्ट संकेत दे रहा है कि ग्रीष्म ऋतु सन्निकट है। ऐसे में परीक्षित बाबू अपनी छह फुटी काया को लेकर घर से निकले हैं। उनके हाथों में एक लेडीज साइकिल है, जिसे वे लुढ़काते हुए ले जा रहे हैं। पंचर बनना है। पंचर बनाने की दुकान करीब एक फर्लांग दूर, आगे मुड़ने पर है। लेडीज साइ....
