जीवन का राग
ब्रह्ममूर्त में राग जोगिया
हृदय के लिए जरूरी विकलता भर दिया करता
शेष सारा दिन तो जीवन का खटराग रहना ही है
मनुष्य बने रहने की धुन भी साथ में
आखिरश आधी रात को राग परज देता है बड़ा सुकून
सन् ‘60 की फिल्म के लिए
सुर साम्राज्ञी लता का गाया गीत
ओ बसंती पवन पागल ना जा रे---ना जा, रोको कोई---
गुनगुना लिया जा....
