महत्त्वाकांक्षा शब्द सकारात्मक है या नकारात्मक, यह मैं आज तक समझ नहीं पाया हूं। मेरा अनुभव इसे नकारात्मक श्रेणी में रखता है। जब कभी भी मुझे किसी भी प्रकार की महत्त्वाकांक्षा ने अपने घेरे में लिया, मैंने कष्ट ही पाया। मानवीयता का क्षरण होते मैंने खुद के भीतर महसूसा। प्रश्न लेकिन यह भी कि यदि महत्त्वाकांक्षा न हो तो मानव की प्रगति कैसे हो? बड़ा कठिन है महत्त्वाकांक्षाओं ....
