अरसे से लोकप्रिय कविता या लेखन को गंभीर कवियों या लेखकों के मध्य दोयम दर्जे का माना जाता रहा है। आज भी कुछ प्रकाशकों के मध्य बेस्ट सेलर को लेकर एक दौड सी चल रही है। गिनती के दस लेखक हिंदी को नई चाल में ढालने में लगे हैं। अव्वल तो भाषा को लेकर कोई निश्चित सांचा तय नहीं किया जा सकता क्योंकि उसका प्रयोग उस लेखक पर निर्भर करता है जो इसी समाज से निकला है और जिसने उस भा....
