हनी दर्शन

हिंदी आलोचना की बीसवीं सदी: एक अध्ययन

बीसवीं सदी की हिंदी आलोचना की दशा-दिशा को उभारती, आलोचकों के आलोचनात्मक विवेक का पुनर्मूल्यांकन करती, दृष्टि की मौलिकता से परिपूर्ण पुस्तक हैµ‘हिंदी आलोचना की बीसवीं सदी।’ निर्मला जैन ने इसके माध्यम से हिंदी आलोचना की विकास-यात्र का 
तलस्पर्शी विश्लेषण किया है। उनके पूर्वाग्रह मुक्त चिंतन का जीवंत प्रमाण है यह पुस्तक। निर्मला जैन हिंदी आलोचना का प्रथम प्....

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