‘कोई समय अपने आपमें एक आइसोलेटेड समय खंड नहीं होता। एक विशेष समय में भी, अनेक समुदायों में ही नहीं, अलग-अलग व्यक्तियों में भी अलग-अलग समय बोध हो सकता है।’
µकथा समय में तीन हमसफर: निर्मला जैन
यह बोध ही है, जो किसी पाठ में केवल तथ्यों के संचयन ही नहीं अपितु उस पाठ से उत्पन्न प्रभाव को भी अपने अंतर्दृष्टि के साथ समाहित कर, संवेदना का एक नवीन प्रारूप रचता है और आलोचक ....
