वसंत आता है तो हर तरफ आता है| ऐसा नही है कि मुकेश अम्बानी के जीवन में आये और मास्टर दयाराम वंचित रह जाए| इस मामले में वसंत सौ टका समाजवादी है| उसकी दृष्टि में सब बराबर है| वसंत का समाजवाद नैसर्गिक है इसलिए सर्वहितकारी है| यह मुलायमसिंह और अखिलेश का समाजवाद नही है जो सैफई में तो बार बालाओं के साथ ठुमके लगाता फिरे और सूबे के रामखिलावन को साईकिल का पंक्चर जोड़ने को गुमटी भी मुह....
