(1)
यह तुम्हें बाहों में लेने की
सबसे सुरक्षित
सबसे निष्कंटक स्थिति है
इस वक्त
हम रात के आभारी हैं
इन आकंठ क्षणों में
उजास में हैं हम
भीतर के उजास में
यह उजास रहे कि
पृथ्वी एक निष्कंटक परिधि हो!
(2)
अबकी बार जब आना
सुनो,
कुछ पुराने अनसुलझे पल भी लेते आना
सचमुच
बड़ा मजा आता है यार
....
