दूसरे सिरे पर
पता नहीं क्या है
इस सिरे पर
तो प्रेम है
ये प्रेम ही
दूसरे सिरे को
देखने की दृष्टि देगा
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कॉफी है
टेबल है
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हिन्दी साहित्य की पत्रिकाओं की भीड़ में अलग पहचान बनाने वाली 'पाखी' का प्रकाशन सितंबर, 2008 से नियमित जारी है।