वक्त के साथ जिंदगी जीने के तरीके बदले हैं, हाशिए पर की औरत आज अपनी हर तरह की आजादी की बात खुलकर कर रही है। बदलते जीवन मूल्यों के साथ नारी शुचिता के पैमाने भी बदले हैं। महानगरों में कौमार्य की रक्षा का मुद्दा धीरे धीरे मद्धम पड़ता जा रहा है। आजादी के साथ-साथ रिश्तों में भी खुलापन आया है , इसी के साथ विवाहेतर संबंध तेजी से पनप रहे हैं।
#नीलांशुरंजन का नया उपन्यास....
