कृष्ण बिहारी

स्वप्नदर्शी यात्री 

1990 , 26 अप्रैल । 
4 दिनों का अवकाश था । शायद ईद - पर्व के कारण । दोपहर के बारह - साढ़े बारह बजे होंगे । मोहम्मद ने फोन किया – त्रिपाठी सर , आपके लिए टेलीग्राम है ...प्रिन्सिपल आपको बुलाता है ... 
“टेलीग्राम , कहाँ से आया है ... उसमें क्या लिखा है ...?”टेलीग्राम आने की सूचना तब किसी दहशत से कम नहीं होती थी । 
“सर , आप प्रिंसिपल से आकर मिलो ...”
विजय स्कूल कैंपस में रहता था ...&nbs....

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