रंगनाथ द्विवेदी

मजदूर की दिहाड़ी

आज रामलाल को लगातार तीन दिनों से कोई दिहाड़ी नहीं मिली थी. वे मजदूरों के बैठने वाले अड्डे पर बिना नागा किए जाता और कोई काम ना मिलने के तनाव में 2 - 3 बीड़ियां पीता और अपने घर लौट आता.उसका 3 दिनों से लगातार बिना दिहाड़ी या मजदूरी  के घर लौटना कितना असह्य था, यह वही जानता था. जब उसकी पत्नी बिना कुछ बोले बस रामलाल को देख कर चुपचाप घर में लौट जाती थी और उसकी जवान बिटिया जब अपने बापू क....

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