महाभूत चंदन रॉय

राम एक वैदिक कल्पना है 

राम एक वैदिक कल्पना है 

मेरी अवधारणा में 
न शबरी के झूठे बेर खाने वाला राम ही है
न कैकैयी इच्छा पर चौदह वर्ष 
वनवास का वरण करने वाला राम

मेरी परिचय का एक भी राम 
किसी शम्बूक का वध नही करता
न ही किसी केवट से पॉँव धुलवाता है 
उसके पैरों की ठोकर किसी अहिल्या के स्त्रीत्व से पुण्य नही है

उसके खड़ाऊ किसी मनुष्य से इतन....

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