6 जून की दोपहर यह खबर मिली कि रामेश्वर प्रशांत जी नहीं रहे। हिंदी का एक अल्पज्ञात, संकोची, संघर्षप्राण कवि नहीं रहा। वे बिहार के गढ़हरा गांव, जिला बेगूसराय के निवासी थे। वाम-जनवादी आंदोलन में अपना पूरा जीवन लगा देने वाले प्रशांत जी को अपने आखिरी सालों में लम्बी बीमारी से जूझना पड़ा और कई महीनों शÕया पर रहने के बाद लगभग 80 वर्ष की अवस्था में वे दिवंगत हुए।
प्रशांत जी को ....
