- श्रेणियाँ
- संपादकीय
- लेख
- कहानी
- लघुकथा/व्यंग्य
- नाटक
- कविता
- गजल
- रचनाकार
- पाखी परिचय
- पिछले अंक
- संपर्क करें
सुगुप्त सब्जी का झोला ले कर घर में आए ही थे कि पत्नी से सूचना दी कि ग्लोबल कालेज में एमसीए के प्रास्पेक्टस मिल रहे हैं। दीदी का फोन आया था कि एक प्रास्पेक्टस ले कर उन्हें फौरन भेज दें। फार्म भरने के बाद इंटरव्यू एक माह बाद होंगे वरना वे खुद आ जाती सोनू को लेकर लेकिन इन्दौर से इलाहाबाद पास तो है नहीं कि बार बार आना-जाना किया जा सकता हो। न ही यह संभव है कि एक माह किसी के यहाँ घरब....
