असमिया धारावाहिक उपन्यास-9वीं कड़ी
साहित्य की सजग-समर्थ पीढ़ी अपने आलोचक साथ लेकर आती है या फिर अपने भीतर से अपने आलोचक पैदा कर लेती है।
राकेश कुमार सिंह
-अनुवाद: पापोरी गोस्वामी
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हिन्दी साहित्य की पत्रिकाओं की भीड़ में अलग पहचान बनाने वाली 'पाखी' का प्रकाशन सितंबर, 2008 से नियमित जारी है।